संपादकीय

चिरमिरी में बंदरों का आतंक, मंत्री से शिकायत और अब एक्शन मोड में वन मंडलाअधिकारी मनीष कस्यप।

चिरमिरी में बंदरों का आतंक, मंत्री से शिकायत और अब एक्शन मोड में वन मंडलाअधिकारी मनीष कस्यप।

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फोन की घंटी बजी और विभाग हुआ एलर्ट, IFS मनीष कश्यप की पहल से अब तक 35 बंदरों को सुरक्षित गुरुघासीदास टाइगर रिज़र्व में छोड़ा गया, आगे भी जारी रहेगा रेस्क्यू।

एमसीबी जिला । बीते 10 सालों से चिरमिरि के विभिन्न इलाकों में अचानक बंदरों की आई बाढ़ ने अब आम आदमी के दिनचर्या पर भी असर डालने लगा है। छत के ऊपर सूखते कपड़े दूसरों के घरों में पहुंच जाते है तो बिना जाली वाली खिड़की खोलकर रखना भी बड़ी समस्या का कारण बन जाता है। हालात इतने खराब हो चुके कि अब कभी भी बंदरों का झुंड घर की छतों में तो खपरैल और सीमेंट की सीटों में देखा जा सकता है, नतीजा यह है कि साल दर साल सीमेंट का सीट भी बदलना पढ़ता है। इन सभी विषयों को लेकर बीते दिन मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के पास लोग पहुंचे और तत्काल एक्शन में आए मंत्री ने IFS मनीष कश्यप से चर्चा कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया।

दरअसल चिरमिरी क्षेत्र में बंदरों की बढ़ती तादाद लंबे समय से लोगों के लिए परेशानी बनी हुई थी। आए दिन लोग इनके आतंक से परेशान रहते थे। कभी ये बंदर घरों में घुस जाते, तो कभी खेतों में नुकसान पहुंचाते थे। कई बार तो राहगीरों और बच्चों पर हमला करने की भी शिकायतें आती थीं। लेकिन इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मनेंद्रगढ़ के डीएफओ मनीष कश्यप ने इसे सुलझाने की ठान ली और विभागीय स्तर पर विशेष अभियान की शुरुआत की।

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वन विभाग की टीम ने अब तक 35 बंदरों को पकड़कर सुरक्षित रूप से गुरु घासीदास पार्क में छोड़ा है। वहां उनके लिए प्राकृतिक माहौल और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध है। विभाग की इस पहल से न सिर्फ शहरवासियों को राहत मिली है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण का भी संदेश गया है। डीएफओ मनीष कश्यप ने स्पष्ट किया कि किसी भी वन्य जीव को नुकसान पहुंचाए बिना इस अभियान को अंजाम दिया जा रहा है। उनका कहना है कि वन्य जीव भी प्रकृति का हिस्सा हैं और उनका संरक्षण करना विभाग की जिम्मेदारी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब वन विभाग ने इतनी बड़ी समस्या पर ठोस कदम उठाया है। लोगों ने डीएफओ मनीष कश्यप और उनकी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयास से चिरमिरी में राहत का माहौल है। इस कार्रवाई ने साबित कर दिया कि यदि जिम्मेदारी और गंभीरता से पहल की जाए तो किसी भी समस्या का समाधान संभव है।

 

वन विभाग का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और जल्द ही चिरमिरी को बंदरों की समस्या से पूरी तरह निजात मिलने की उम्मीद है। यह पहल न केवल लोगों की सुविधा के लिए कारगर है बल्कि पर्यावरण संतुलन और वन्य जीव संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

फिलहाल इस रेस्क्यू के बाद से चिरमिरी ने राहत की सांस ली है और लगातार कार्यवाही की उम्मीद जताते हुए स्थानीय विधायक और डीएफओ मनीष कश्यप का आभार जताया है।

राकेश सिंह की रिपोर्ट 

 

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