डॉ. श्याम सुंदर राम ने बताई बड़ी वजह — कहा, दो कर्मचारियों के दबाव में काम करना पड़ता है डॉक्टरों को ।
डॉ. श्याम सुंदर राम ने बताई बड़ी वजह — कहा, दो कर्मचारियों के दबाव में काम करना पड़ता है डॉक्टरों को ।
डॉ. श्याम सुंदर राम ने बताई बड़ी वजह — कहा, दो कर्मचारियों के दबाव में काम करना पड़ता है डॉक्टरों को ।
चिरमिरी (जिला एमसीबी)।
चिरमिरी क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में एक के बाद एक डॉक्टरों का समय से पहले सेवा छोड़ना अब आम बात बन चुकी है। लेकिन आखिर डॉक्टरों के लगातार इस्तीफा देने की असली वजह क्या है, इस पर अब परदा उठ गया है।
अस्पताल में पदस्थ डॉ. श्याम सुंदर राम ने खुलासा किया है कि डॉक्टरों के जाने के पीछे अस्पताल के ही दो कर्मचारियों — पूर्णिमा तिवारी और जी. डी. हुसैन — का दबदबा और दखल सबसे बड़ा कारण है।
डॉ. श्याम सुंदर राम ने बताया कि पिछले तीन डॉक्टरों ने भी इन्हीं कारणों से अपने पद से इस्तीफा देकर अस्पताल छोड़ दिया।
उनके मुताबिक, इन दोनों कर्मचारियों का रवैया न केवल अनुशासनहीन है, बल्कि वे अस्पताल में इस तरह का माहौल बना देते हैं कि डॉक्टरों को स्वतंत्र रूप से कार्य करना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों पर अनावश्यक दबाव बनाया जाता है, कार्य में हस्तक्षेप किया जाता है और छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद खड़ा किया जाता है।
डॉ. राम के अनुसार, “जब डॉक्टरों को उनके पद की गरिमा के अनुरूप कार्य करने नहीं दिया जाएगा, तो वे मजबूर होकर सेवा छोड़ने का निर्णय लेते हैं। ऐसा माहौल किसी भी संस्थान के लिए सही नहीं है।”
स्थानीय नागरिकों ने भी इस बात पर चिंता जताई है कि अस्पताल में आए दिन डॉक्टरों का बदलना मरीजों के इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रहा है।
मरीजों का कहना है कि एक डॉक्टर के जाने के बाद नए डॉक्टर को कामकाज समझने में समय लगता है, और इस बीच मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला पहले भी वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्रवाई की खबर सामने नहीं आई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि ऐसे कर्मचारियों पर समय रहते अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में अस्पताल से योग्य डॉक्टरों का पलायन और बढ़ सकता है।
अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या रुख अपनाता है।
क्या प्रशासन इन गंभीर आरोपों की जांच करेगा या फिर यह मामला भी अन्य कई मामलों की तरह कागजों में ही दफन रह जाएगा?
राकेश सिंह की रिपोर्ट